Skip to main content

Posts

Showing posts from 2019

2019

साल दो हजार उन्नीस शुरू हुआ विशू के संग खत्म हुआ परिवार संग तपते हुए अलाव व्यक्त करते हुए भावनाओं के सैलाब बीच-बीच में इस वर्ष ने हालत कर दी तंग जब जब छीनी इसने उमंग 22 मार्च, 17 ज...

प्यार का मसौदा

सनी और हनी लगते बड़े फनी सनी स्वतंत्र है ह नी कार्य से बंधी है सनी बड़ा सामाजिक हनी थोड़ी अंतर्मुखी सनी को प्रिय वाइन वह भी दोस्तों के संग सनी को पैर में हुई तकलीफ अब दोस्तो...

नेट के रिश्ते

अब मिलती है व्हाट्सएप समूहों पर नित नई फोटो विस्मयकारी जैसे कोई आश्वासन हो सरकारी और पाते हैं हर सुबह नई                 तरुणाई दोस्तों की पोस्ट देख खुलती है मेरी आंखें प...

Third RECK Re-Union

Amidst so much enthusiasm I started my journey to Kurukshetra at 9:00 a.m. on 29th November 2019 and as per the previous schedule I reached at RGTPP, khedar, Hisar where now- a- days my friend Mr Amod Jindal is posted as S E. it was in my visit list since I passed my bachelor degree in electrical engineering to visit a thermal plant and this desire has been fulfilled after 30 years of passing out with the help of Amod Jindal. He took me to every processing places of the thermal plant and side by side explained every step of generation of electricity. I was impressed to see specially the inner side of the cooling tower, the furnace section and the reclaimer and staker sites.It took arond 4 hour to see the complete plant. The lush green area in the plant is very emphatic. Though at the same time it was painful to hear that 17000 tons of coal is brunt daily here and a lot of water is lost in the process of generation. Anyway it was a dream fulfilled after a long 30 years waiting for wh...

Third RECK Re-Union

Amidst so much enthusiasm I started my journey to Kurukshetra at 9:00 a.m. on 29th November 2019 and as per the previous schedule I reached at RGTPP, khedar, Hisar where now- a- days my friend Mr Amod Jindal is posted as S E. it was in my visit list since I passed my bachelor degree in electrical engineering to visit a thermal plant and this desire has been fulfilled after 30 years of passing out with the help of Amod Jindal. He took me to every processing places of the thermal plant and side by side explained every step of generation of electricity. I was impressed to see specially the inner side of the cooling tower, the furnace section and the reclaimer and staker sites.It took arond 4 hour to see the complete plant. The lush green area in the plant is very emphatic. Though at the same time it was painful to hear that 17000 tons of coal is brunt daily here and a lot of water is lost in the process of generation. Anyway it was a dream fulfilled after a long 30 years waiting for wh...

चलो मिल लेते हैं

चलो मिल लेते हैं एक बार फिर जब तक हैं हम थोड़े उपयोगी कल हो जाएंगे गंध हीन पारिजात धू ल झरे आंचल में भरने की फिर कोई भूल करे ना करे यह मनोरम रात फिर ना होगी। हमने अपने उद्यम से अ...

मेरा कॉलेज जीवन

जीवन की आपाधापी में चाहे कितना दूर चला जाऊं पांच बरस की अवधि पर ज़ी टी में 'रेक' जरूर आऊं थाई ,चाइनीजऔर कॉन्टिनेंटल चाहे कितनी भी बार खाऊं स्वाद रेक के राजमा - चावल का कभी ना मै...

थोड़ा अतीत में झांक लेते हैं

चलो थोड़ा अतीत में झांक लेते हैं क्वार्टर अगस्त 18 से नवंबर 17 की थोड़ी थाह लेते हैं दिल बागी का शेर सिरमोर एक बार फिर पढ़ लेते हैं "मोहब्बत की अजीब बेबसी देखी उसने तस्वीर तो जला...

गुदगुदाना

यूं तो गुदगुदाना होता है कोमल अंगों या भावनाओं का सहलाना मित्रों के खेमे में जब बात हो तब मुश्किल होता है इस शब्द को समझाना फिर भी एक कोशिश है पसंद आए तो बतलाना।          जब ...

पतझड़ में रीयूनियन

आओ दोस्तों कुरुक्षेत्र बनाएं कुछ कोलाज ख्याल नये-पुरानों का कुछ यों हो हमारी मुलाकात देख हरे हो जाएं पतझड़ के पात। तारीख है तीस नवंबर भूल जाएं इस दिन सब आडंबर लोटें फिर से ...

यार अनोखा, दिल का चोखा

अनिल नेगी नमकीन मैगी बड़ा कर्म योगी दिखाए और्गी(orgy) निकाले तेल हाई कृष्ण कन्हाई मिलो इससे तो लगे सगा भाई पिये वाइन खाए वेज-नॉनवेजवा देखो इह है रामनगर वाला बच्चुआ कभी दिखाइए ...

कूलर के बहाने

आज मैंने वक्त का इशारा समझा और कूलर साफ किया कूलर के भी हत्थे मेरे हाथ में आए दर्द उसने भी अपना साझा किया बोला चलता हूं इसलिए कि डर है मेरी जगह कोई ऐ .सी. ना ले ले वरना शरीर मेरा ...

एक सुरूर

बस वह , वह है कोई रिश्ता नहीं है कोई किस्सा नहीं‌ है उसकी शोखियां ही शोखियां हैं वह ऐसी कि अपने ही सुरूर में मस्त उसकी रेशम सी जुल्फों से हो गए हम पस्त गुलाब की पंखुड़ियों से औ...

रतनगढ:मेरे बचपन का शहर

ओ मेरे बचपन के शहर तू रहा मेरा जवानी का घर तेरी सर्पिली स्टेशन रोड जो अभी बता देगी कितना मैं जीवन में चला पैदल और कितना था मेरा बाल स्वावलंबन इस रोड़ पर आगे कितना सुंदर रामच...

Law & Justice

Natural law of Justice Cause invites decision Law of politics Decision invites cause Law of happy married life Avoid decision, fulfill cause Law of religion No cause, no decision Everything is a false perception Law of poetry Go through every cause & every decision Present into words as a fiction

८४ का ओजस्वी मूछों वाला

राजेश है बिजली वाला जिसका फोन एक रिंग में उठता है मेरी भी धारणा यही बन गई शायद रिंग में भी मीटर चलता है राजेश कैथल से आता है जो मेरे रास्ते में पड़ता है ज्यादा कुछ बोल नहीं सक...

एक अभियंता

अभियंता का चिंतन ड्राइंग पर आता ड्राइंग से डिजाइन बनाता डिजाइन जब फील्ड पर आती इसमें मानवता की कड़ी जुड़ती यहीं से अभियंता की प्राथमिकताएं शुरू होती। अभियंता एक सच्चा ...

हिन्दी

'ह' से है रंग हरा 'ह' से हैं सब हर्षित 'ह' का ही होता चिंतन 'ह' से ही है ये जीवन आधे' न' से चार ज्ञानेंद्रियां नाक, कान, आंख और रसना ऐसी ही है हमारी रचना 'द' में भाव है देने का 'द' ही प्रतीक है द...

4 वर्ष

जब बादल गरजें उमड़ - घुमड़ बरसात में लगता है तुम्हीं हो जब दोस्त मिले और चेहरे खिलें उस मिलाप की उमंग तुम्हीं हो जब किसी बुजुर्ग को सहारा कोई नौजवान दे उस सहारे की प्रेरणा ल...

म्हारी बधाइयां अर म्हारी उम्मीद - मनमोहनसिंहजी री राज्यसभा सीट पर निरबिरोध जीत

थां नै घणी घणी बधाइयां देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां म्हे था नै निरबिरोध जीतायां हां मान सूं म्हे जाणां म्हानै बडभागी जदै थे आया अठै बडे चाव सूं अबै थे बिराजोला बडी पंचाट म...

रेशनल ग्रुप: प्रथम वर्षगांठ पर

अरे !रेशनल ग्रुप ना कभी तू रहना चुप जगोटा की जाग से बांगा की बांग से उठ जाया कर देबू से रोज फूल नए मंगाया कर अगर महसूस हो गम युद्धि, विशु ,देबू कर देंगे कम फिर भी यदि ना हो कम आलोक,...

भैया मेरे

तुम्हारा पवित्र स्नेह है सूर्य की लालिमा में रोज देखा करती हूं नाश्ते के पहले कोर के स्वाद में रोज अपना बचपन महसूस करती हूं दोपहर के सूर्य के तपते तेज में रोज तेरा ही अक्स ...

मां है ना

वैसे तो अभी वक्त नहीं है तथ्य और पथ्य जानने का कुनबा तेरा सशक्त नहीं मोल है उसका आने का एक बात शाश्वत है जोखिम तभी लो जब हो कुछ पाने का तपे हुए सोने पर से विश्वास ना कभी डिगाने ...