आओ दोस्तों कुरुक्षेत्र
बनाएं कुछ कोलाज ख्याल नये-पुरानों का
कुछ यों हो हमारी मुलाकात
देख हरे हो जाएं पतझड़ के पात।
तारीख है तीस नवंबर
भूल जाएं इस दिन सब आडंबर
लोटें फिर से पुरानी यादों में
उन्हीं पुरानी कोरिडोरों में
और खुले थिएटर के ख्यालों में
फिर से खो जायें सिंघानिया के सुरों में
और अश्विन बांगा के साजों में
दोस्तों की महफिल हो और
सुरीली हो जाए समां पलों में
नाचने लगें फिर से सपने
युद्धि और विशू के पैमानों में
नवनीत और के पी भी
शायद ढल जाएं इन्हीं रंगों में
आऔ दोस्तों कुरुक्षेत्र
बनाएं कुछ कोलाज ख्याल नए पुरानों का
कुछ यों हो हमारी मुलाकात
देखे हरे हो जाएं पतझड़ के पात।
कुछ चर्चा हो चार्ली की मुंबई की
कुछ अनिल नेगी के अल्हड़ की
कुछ कपिल कनोडिया के साहस की
कुछ अनिल बग्गा के हौंसले की
कुछ तुषार , जगोटा के डॉलर की
कुछ मनीष के स्वभाव यूनीपोलर की
कुछ भुवनेश की शायरी और हेल्पिंग नेचर की
कुछ संगीता की दरियादिली की
कुछ ज्योति की ज्ञान ज्योति की
तो कुछ सुप्रिया के माधुर्य की
आओ दोस्तों कुरुक्षेत्र
बनाएं कुछ कोलाज ख्याल नए पुरानों का
कुछ यों हो हमारी मुलाकात
देख हरे हो जाएं पतझड़ के पात।
चखें मजा विनोद और चांदना की मेजबानी का
सतीश पांडे के मेगा प्रोजेक्ट पर
देबासीस सेनगुप्ता से राफेल की उड़ानी पर
प्रोफेसर राजकुमार से पहाड़ों की रानी पर
लें आनंद उन्हीं की जुबानी का
जसपाल है यारों का यार
जानें उससे तरीका शायरी
औ चुटकुलों का सलाद बनाने का
जाने कुछ उन बेटे- बेटियों से भी
नब्ज नए जमाने की
जो शामिल हो सकते हैं साथ परिवार के
लगा सकते हैं चार चांद
इस अद्भुत संयुक्त रैक परिवार के
चख लें फिर से चावल-राजमा
अलबेली रैक की मैसों के
आओ दोस्तों कुरुक्षेत्र
बनाएं कुछ कोलाज ख्याल नए पुरानों का
कुछ यूं हो हमारी मुलाकात
देख हरे हो जाएं पतझड़ के पात।
Bahut khoob likha hai..Wa wah kaya baat..Sidh bhai
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