रखो दोस्ती का मिजाज
नीम की निंबौरी सा
जो अधीर,लोभी
और लालची परखें
दिखे उन्हे हरी भरी
लगे उन्हें कड़वी-कड़वी।
रखो दोस्ती का मिजाज
नीम की निंबौरी सा
जो धैर्यवान, सज्जन
और गुणवान परखें
दिखे उन्हें पीली-पीली
लगे उन्हे रसभरी
और मीठी-मीठी ।।
रखो दोस्ती का मिजाज
नीम की निंबौरी सा
जो अधीर,लोभी
और लालची परखें
दिखे उन्हे हरी भरी
लगे उन्हें कड़वी-कड़वी।
रखो दोस्ती का मिजाज
नीम की निंबौरी सा
जो धैर्यवान, सज्जन
और गुणवान परखें
दिखे उन्हें पीली-पीली
लगे उन्हे रसभरी
और मीठी-मीठी ।।
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