मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों,
एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।
जब जी करे चुटकुले सुनने का
झट से उसे याद करना।
शहादत का जब जिक्र आए
तुरंत उससे इतिहास जान लेना।
खाने पीने की बात आए
या नया हो कुछ करना
तुरंत उस से सलाह लेना
और उसका साथ हाजिर पाना।
मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों,
एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।
दिमागी कसरत करनी हो
तुरंत उसे संदेश देना।
सारे जहां की पहेलियां हाजिर पाना
कभी गणित की, कभी मेंटल एबिलिटी की,
कभी विज्ञान की चुस्ती दिमाग में लाना।
मन करे समाचार और समीक्षा का
कभी भी उसको कॉल करना
कर देगा सराबोर अपने रंग में
बस उसे एक बार झेल तो लेना।
मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों,
एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।
मन हो शायरी सुनने का
एक बार उसको पिंच कर देना
फिर देखो पटियालवी शायरी
बस तुम्हें ही पड़े संभालना।
जब धैर्य हो उसका आजमाना
कुछ ऐसा पांसा फेंकना
ज्ञान की परतें बस उसे पड़े खोलना
तुम्हें मिसाल दर मिसाल पड़े समेटना
कभी ना धैर्य खोने वाले दोस्त से होगा सामना।
मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों,
एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।।
पंजाबी भाषा समझना हो
या फिर गुरमुखी हो जानना
लिखित संदेश भेज दो
विशुद्ध ट्रांसलेशन जान लो
फिर हिंदी हो या जुबां हो ब्रितानियां
उसकी पकड़ तीनों पर है काबिले बखानियां
हमारी सबसे गुजारिश है
ऐसे दोस्त सभी अपनी मित्र मंडली में रखना।
मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों,
एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।।
अगस्त 84 एडमिशन ,रैगिंग हुई भरपूर, अभिमन्यु भवन तीर्थ था ,आस्था थी भरपूर। खिचाई तो बहाना था ,नई दोस्ती का तराना था, कुछ पहेलियों के बाद ,खोका एक ठिकाना था । भट्टू ,रंगा ,पिंटू ,निझावन ,मलिक ,राठी , सांगवान और शौकीन इतने रोज पके थे, रॉकी ,छिकारा ,राठी ,लूम्बा भी अक्सर मौजूद होतेथे । मेस में जिस दिन फ्रूट क्रीम होती थी, उस दिन हमें इनविटेशन पक्की थी। वह डोंगा भर - भर फ्रूट क्रीम मंगवाना, फिर ठूंस ठूंस के खिलाना बहुत कुछ अनजाना था, अब लगता है वह हकीकत थी या कोई फसाना था ।। उधर होस्टल 4 के वीरेश भावरा, मिश्रा, आनंद मोहन सरीखे दोस्त भी बहुमूल्य थे , इनकी राय हमारे लिए डूंगर से ऊंचे अजूबे थे। दो-तीन महीने बाद हमने अपना होश संभाला, महेश ,प्रदीप ,विनोद और कानोडिया का संग पाला । फर्स्ट सेमेस्टर में स्मिथी शॉप मे डिटेंशन आला ।। हमें वो दिन याद हैं जब नाहल, नवनीत,विशु शॉप वालों से ही जॉब करवाने मे माहिर थे , तभी से हमें लगा ये दोस्ती के बहुत काबिल थे । थर्ड सेम में आकाश दीवान की ड्राइंग खूब भायी थी, इसीलिए ला ला कर के खूब टोपो पायी थी। परीक्षा की बारी आई तो
Waah....jassi is going to be very happy.
ReplyDeleteVery nice.
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