तीन शब्दों का यह वाक्य
जिसने पिछले तीन दिन से
उड़ा दी थी मेरी नींद
आया है जो कौटिल्य अर्थशास्त्र से
सदियों से होकर प्रवीण
आज भरी जब आय विवरणी तो
पाया नहीं कोई कागज इससे विहीन
बातें की और गूगल किया
तो पाया कुछ ऐसा सार
साझा कर रहा हूं सबसे
आप करना इस पर विचार
कोष तो है राजस्व
मूल से मतलब आधार
दण्ड प्रतीक है
राज्य प्रशासन का
जिससे विकास बनता साकार
इस तरह इस वाक्य का मतलब है
"राजस्व राज्य प्रशासन का आधार "
इसलिए बिना डर करें इसका सत्कार
और बनें देश के विकास में भागीदार।
अगस्त 84 एडमिशन ,रैगिंग हुई भरपूर, अभिमन्यु भवन तीर्थ था ,आस्था थी भरपूर। खिचाई तो बहाना था ,नई दोस्ती का तराना था, कुछ पहेलियों के बाद ,खोका एक ठिकाना था । भट्टू ,रंगा ,पिंटू ,निझावन ,मलिक ,राठी , सांगवान और शौकीन इतने रोज पके थे, रॉकी ,छिकारा ,राठी ,लूम्बा भी अक्सर मौजूद होतेथे । मेस में जिस दिन फ्रूट क्रीम होती थी, उस दिन हमें इनविटेशन पक्की थी। वह डोंगा भर - भर फ्रूट क्रीम मंगवाना, फिर ठूंस ठूंस के खिलाना बहुत कुछ अनजाना था, अब लगता है वह हकीकत थी या कोई फसाना था ।। उधर होस्टल 4 के वीरेश भावरा, मिश्रा, आनंद मोहन सरीखे दोस्त भी बहुमूल्य थे , इनकी राय हमारे लिए डूंगर से ऊंचे अजूबे थे। दो-तीन महीने बाद हमने अपना होश संभाला, महेश ,प्रदीप ,विनोद और कानोडिया का संग पाला । फर्स्ट सेमेस्टर में स्मिथी शॉप मे डिटेंशन आला ।। हमें वो दिन याद हैं जब नाहल, नवनीत,विशु शॉप वालों से ही जॉब करवाने मे माहिर थे , तभी से हमें लगा ये दोस्ती के बहुत काबिल थे । थर्ड सेम में आकाश दीवान की ड्राइंग खूब भ...
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