कल मैंने नीम पुष्प (निमझर) के बारे में एक पोस्ट डाली थी ।आज मैंने निमझर से रायता बनाया है जिसका संक्षिप्त विवरण नीचे दिया जा रहा है।
राजस्थान में रायता गर्मी में विशेष रुप से पसंद किया जाता है और इसमें रोटी चूर कर खाई जाती है।
रायते के अवयवों को पकाया नहीं जाता और मूल स्वरूप में ही रखा जाता है यानी कि खाद्य पदार्थों जैसे दही और प्याज की मूल स्थिति बरकरार रखी जाती है।
निमझर का रायता निम्न प्रकार बनाया जाता है:-
एक आदमी के लिए:
सबसे पहले एक बड़े प्याले में २५० ग्राम दही
और एक कप पानी और नमक( स्वादानुसार) लेकर इसको फेंट लेते हैं । फिर इसमें एक मध्यम आकार का बारीक कटा हुआ प्याज और स्वादानुसार लाल मिर्ची पाउडर मिला लेते हैं।
अब एक नॉन स्टिक कढ़ाई में एक बड़ा चम्मच देशी घी लेकर उसे मीडियम आंच पर गर्म करते हैं और गर्म होने पर इसमें थोड़ी सी हींग, थोड़ी सी हल्दी और आधा छोटा चम्मच निमझर डालकर गर्म करते हैं जब निमझर का रंग भूरा हो जाए तब जो प्याले में दही का मिश्रण बनाया था उसको इस नॉन स्टिक कड़ाई में डाल कर छोंक में घुमा कर गैस तुरन्त बंद कर दी जाती है। इस छोंक की खुशबू से पूरी रसोई का वातावरण महक उठता है। अब यह रायता तैयार है और इसको ढक कर रख रख लो इसकी खुश बहुत देर तक बरकरार रहेगी। बाजरे या मेसी रोटी के साथ चूर कर खाने से अति आनंद की अनुभूति होती है और यह गर्मियों में नींद लेने की प्राकृतिक दवाई है।
Comments
Post a Comment