Today is world Hindi Day.
I devote a little thought on this topic with the beautiful Lines of Allama Iqbal "हिंदी हैं हम हिंदुस्तान हमारा"
And भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्ति " निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल"।
The World Hindi Day is being celebrated on January 10th marking the anniversary of the first World Hindi conference which was organised on 10th January 1975 and Was chaired by the then PM Smt. Indira Gandhi. The purpose of World Hindi Day is to promote the Hindi on the world Arena.
Officially the World Hindi Day Was commenced on 10th January 2006 by the then PM Dr.Manmohan Singh.
I am writing some lines about the beauty and nature of the Hindi language on this auspicious occasion.
हिंदी में वही लिखा जाता ,
जो जुबान से बोला जाता।
हिंदी में भाव है भारतीयता का
जैसे पट्टी- बरते का
या साड़ी - पगड़ी का
या फिर सब्जी- रोटी का।
हिंदी में भाव है खेलों का
जैसे होकी-छड़ी का
या चील-झपट्टे का
या फिर रस्सा-कशी का।
हिंदी में भाव है संगीत का
जैसे ढोल - ताशे का
या तबले- बाजे का
या फिर बीन-बांसुरी का।
हिंदी में भाव है रिश्तों का
जैसे छोटे - बड़े का
या मर्द -लुगाई का
या फिर आप- अपनत्व का।
हिंदी में भाव है सच्ची सीख का
जैसे ज्ञान -विज्ञान का
या अखबार - किताब का
या फिर आचार -विचार का।
हिंदी में भाव है मौसम का
जैसी सर्दी- गर्मी का
या बारिस- सूखे का
या फिर अकाल- जमाने का।
हिंदी में भाव है नैतिकता का
जैसे साधु- संत का
या राजा- रंक का
या फिर ज्ञानी -मूर्ख का।
हिंदी में भाव है सहजता का
जैसे सीधे- सरल का
या मीठे - खट्टे का
या फिर लंबे- नाटे का।
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