हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी भुवनेश
हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी अर्चना,
साथ फिरते फिरते तुमने,
रच दी बड़ी रचना।।
कॉलेज में ना किस्से थे,
ना थी कोई विवेचना।
चुपके चुपके सिरे चढी,
तुम दोनों की तमन्ना।।
हमें तब पता चला,
जब भुवनेश बना रसिक शायर,
और अर्चना ने सीख लिया रखना सीजफायर।
दुआ हमारी कुबूल हो प्रभु,
रहे सलामत लखनवी बेगम - नवाब,
इनके ना कभी रहें अधूरे ख्वाब।
मिलकर बार-बार ये गायें,
जब जब यह दिन आए,
सुन लो सारी दुनिया वालों,
जितना भी तुम जोर लगा लो,
करेंगे पार्टी सारी नाइट।
हम बोलें आल नाइट मोर ब्लास्ट,
आल नाइट मोर ब्लास्ट।।
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