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Valentine !Valentine !

on the occasion of pre-evening of  Valentine Day I would like to share with you my hearty feelings for someone .Though  such feelings are considered bad in Indian society at the age of 50 +. but I think now east is turning to west &  India is changing and today's India is not merely" Heer- Ranjha" India but we live in the era of Diggi Raja, being a big fan of Diggi Raja here I am bringing my poem about my  Valentine 2018:-
पीला चुनर और नख नीले
होंठ भी खिले-खिले
गौर वर्ण और गहरे नैना
चेहरे पर देते  हैं उपमा
बसंत का पर्याय है
शब्दों से मधुर है
दूरी से दूर है
VC में मौन है
Chatting में तंग है
आवाज में कशक है
इसलिये हमारे दिल में इश्क है।
बातों में अपनत्व है
खुद से ज्यादा दूसरे का महत्व है
सब्ज बाग से दूर है
उम्र से मेच्योर है
जोब से व्यस्त है
परिवार से स्वस्थ है
हमारे मन में अवस्थित है।
सुबह -शाम का व्यवहार है
वर्तमान में खुशगवार है
जीने का जज्बा है
तभी हम पर कब्जा है
वेलेन्टाइन जरूरी है
क्या यह ख्याल गैर जरूरी है।।
      Happy Valentine Day to all with your loves.

Comments

  1. You are progressing in all dimensions!

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  2. It is spring season dear which brings words on younger.
    Thx amit for beautiful comment.

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