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HBD Rajeev Nijhawan

Rajiv Nijhawan,Rajiv Nijhawan,
Always dressed fine, dressed fine.
Sporty nature and Jolly mind,
Always kind ,always kind.

During college been a guide,
To  swim me against the tide.
Soni,Gupta - circuit theory,
M. I. Of AK Sawhney,
even  today are with mine.

Inspired by your Malviya Nagar,
I bought a nest nearby in Pratap Nagar.
In the hope of meeting there,
I spent  10 long years there.

I still cherish the memories
Of those high dosage of ice- cream
And full " Pateela" fruit - creams.
Wish to enjoy that again ,
Before my teeth go in vain.

Thirty years have passed by,
You have become an NRI.
Still Facebook connects us,
as an Illusion of face to face.

You  make naughty comments
Like I am "chela " of you& Ranga,
I want to advise again sir
Don't take such kind of "panga".

Wishing happy birthday Mr Nijhawan.
With tons of cake and a carat wine.
With tons of cake and a carat wine.

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RECK की यादें,दोस्तों को समर्पित

अगस्त 84 एडमिशन ,रैगिंग हुई भरपूर,  अभिमन्यु भवन तीर्थ  था ,आस्था थी भरपूर।  खिचाई तो बहाना था ,नई दोस्ती का तराना था,  कुछ पहेलियों के बाद ,खोका एक ठिकाना था । भट्टू ,रंगा ,पिंटू ,निझावन ,मलिक ,राठी , सांगवान और शौकीन इतने रोज पके थे, रॉकी ,छिकारा ,राठी ,लूम्बा भी  अक्सर मौजूद होतेथे । मेस में जिस दिन फ्रूट क्रीम होती थी,  उस दिन हमें इनविटेशन पक्की थी। वह डोंगा भर -  भर फ्रूट क्रीम मंगवाना, फिर ठूंस ठूंस के खिलाना बहुत कुछ अनजाना था, अब लगता है वह हकीकत थी या कोई फसाना था ।। उधर होस्टल 4 के वीरेश भावरा, मिश्रा, आनंद मोहन सरीखे दोस्त भी बहुमूल्य थे , इनकी राय हमारे लिए डूंगर से ऊंचे अजूबे थे। दो-तीन महीने बाद हमने अपना होश संभाला,  महेश ,प्रदीप ,विनोद और कानोडिया का संग पाला ।  फर्स्ट सेमेस्टर में स्मिथी शॉप मे डिटेंशन आला   ।। हमें वो दिन याद हैं जब नाहल, नवनीत,विशु  शॉप वालों से ही जॉब करवाने मे माहिर थे , तभी से हमें लगा ये दोस्ती के बहुत काबिल  थे ।  थर्ड सेम  में आकाश दीवान की ड्राइंग खूब भायी थी, इसीलिए ला ला कर के खूब टोपो पायी थी। परीक्षा की बारी आई तो

श्री भीमनाथजी सिद्ध‌ एक संस्था थे

श्री भीम नाथ सिद्ध एक कलम और बात के ही‌ धनी नहीं थे बल्कि एक संस्था थे ।आपका जन्म ग्राम बादड़िया तहसील सरदारशहर में हुआ। आपकी स्नातक तक की शिक्षा सरदारशहर कस्बे में ही हुई। उसके बाद आपने एलएलबी श्री डूंगर महाविद्यालय बीकानेर से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। एलएलबी के बाद आपने चूरू जिला मुख्यालय पर 1972 में वकाल के पेशे को अपनाया और लगभग 49 वर्ष इस पेशे में रहे और 2020 से लगातार बार एसोसिएशन सरदारशहर के अध्यक्ष पद पर आसीन थे।वकालत को‌‌ आपने सिर्फ पेशा ही नहीं सामाजिक दायित्व के तौर पर‌‌ लिया और हर समाज ,हर वर्ग के कार्य को पूरी निष्ठा से किया और जन-जन के हृदय में जगह बनाई। आप एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, जो वकालत के साथ-साथ राजनीति में भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमेशा सक्रिय रहे। आप 1985 से 1990 तक मालसर ग्राम पंचायत के सरपंच और पंचायत समिति सरदारशहर के उपप्रधान रहे और इसके माध्यम से जन सामान्य की हर संभव मदद की।आप क्षेत्र के बड़े राजनीतिज्ञों के हमेशा से विश्वास पात्रों में रहे। चाहे वह पूर्व विधायक श्री हजारीमल जी सारण( जो उनके राजनीतिक गुरु भी थे) हों, या फ

2nd Death Anniversary :Humble Smarananjali

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