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Wow Bangaluru

Satish Sridhar ,Amy and me
Eating Dosa Yummy Yummy
Satish stopped  nerves hugging hugging
Sridhar scanned my heart looking looking
Amy made my day funny funny
Thank you all you made trip loving loving
Today is time to say goodbye,
For visiting you all again n again
Bengaluru City is  hi tech
With so much to learn n sketch
Thanks Bengaluru
Thanks friends
You are  wonderous
You are  wonderous.

Comments

  1. Turning professional poet....

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    1. I have expressed my real feelings of being with friends Amit.

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RECK की यादें,दोस्तों को समर्पित

अगस्त 84 एडमिशन ,रैगिंग हुई भरपूर,  अभिमन्यु भवन तीर्थ  था ,आस्था थी भरपूर।  खिचाई तो बहाना था ,नई दोस्ती का तराना था,  कुछ पहेलियों के बाद ,खोका एक ठिकाना था । भट्टू ,रंगा ,पिंटू ,निझावन ,मलिक ,राठी , सांगवान और शौकीन इतने रोज पके थे, रॉकी ,छिकारा ,राठी ,लूम्बा भी  अक्सर मौजूद होतेथे । मेस में जिस दिन फ्रूट क्रीम होती थी,  उस दिन हमें इनविटेशन पक्की थी। वह डोंगा भर -  भर फ्रूट क्रीम मंगवाना, फिर ठूंस ठूंस के खिलाना बहुत कुछ अनजाना था, अब लगता है वह हकीकत थी या कोई फसाना था ।। उधर होस्टल 4 के वीरेश भावरा, मिश्रा, आनंद मोहन सरीखे दोस्त भी बहुमूल्य थे , इनकी राय हमारे लिए डूंगर से ऊंचे अजूबे थे। दो-तीन महीने बाद हमने अपना होश संभाला,  महेश ,प्रदीप ,विनोद और कानोडिया का संग पाला ।  फर्स्ट सेमेस्टर में स्मिथी शॉप मे डिटेंशन आला   ।। हमें वो दिन याद हैं जब नाहल, नवनीत,विशु  शॉप वालों से ही जॉब करवाने मे माहिर थे , तभी से हमें लगा ये दोस्ती के बहुत काबिल  थे ।  थर्ड सेम  में आकाश दीवान की ड्राइंग खूब भ...

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