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Showing posts from 2022

ये मिट्टी

मिट्टी मां से भी बढ़कर है क्योंकि मां मिट्टी से बनी‌ है।।  - Mohan Sardarshahari

यंग बोयज

यंग बोयज के चार साल बेमिसाल बेमिसाल।  कभी क्रिकेट का उबाल कभी ग्लेमर का धमाल कभी संगीत की सुर लहरी कभी यादों की टीस गहरी      हर अंदाज रहा कमाल      चार साल बेमिसाल  कभी बातें पैग पटियालवी फिर अंदाजे बयां लखनवी गजलों का फिर सिलसिला सुनकर जब दिल खिला        दिल की बातें चली रेक की चाल        चार साल बेमिसाल  कभी सैर - सपाटों की बातें उस पर खाने की सोगातें मिलकर जहां भी बैठें हों रेक की बातों के खिले गुलदस्ते        रंगो ओ सुंगध छूटा रेक के नाल         फिर भी चार साल बेमिसाल  जब जब राजनीति ने दस्तक दी यंग बोयज दुविधा में दिखी राजनीति द्विधारी तलवार इससे यंग बोयज को लेना उबार      खाना हो तो गुड़ खाओ बाकी सब बेकार माल      यंग बोयज है एक चोपाल       जिसके चार साल बेमिसाल।।

आजादी के पिचहतर

स्वतंत्रता के पिचहतर वर्ष हमने मनाये अनेकों हर्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और बुनियादी ढांचा हुआ उत्कर्ष लड़कियों को अवसर मिला तो सम्मान देश का फहुंचाया अर्श करें प्रतिज्ञा इस पिचहतर बची रूढ़ियां और आडम्बर शतक होने पर ला देंगे फर्श।।

खुशियों की बीमा

आज फिर थोड़ा इतरा लेता हूं यह इतराने का दिन है जिस दिन बेटी पैदा होती‌ है उस दिन से  जीवन‌ में  खुशियों की "बीमा‌" हो जाती है।।

‌ प्रताप जयंती

वीरों का जब-जब बखान होगा महाराणा का सिरमौर नाम होगा पवित्र धरती का जब जिक्र होगा हल्दी घाटी का मन में चित्र होगा स्वामी भक्ति का चित्रांकन होगा  तो चेतक का गर्व से स्मरण होगा राजस्थान की शान की बात होगी तब - तब हल्दी घाटी, चेतक और  महाराणा प्रताप के नाम की हर राजस्थानी की आंखों में चमक होगी।। जय मेवाड़, जय राजस्थान

प्रसारण

जिसकी  खाई  बाजरी उसकी ठीक बजाई हाजरी।।

सोनल

तुम रौनक इस जहां की मैं सुना एक सड़क सा तु इसके किनारे रुक जाए हर दृश्य में रंग भर जाए घटाओं की जरूरत कहां जब तेरी जुल्फें लहराए तुझको देखूं एकटक मैं बन बिजली का खंबा क्रीम सूट , उन्मुक्त बांहें देख भरता मैं हूं आहें कर महसूस खुश्बू हवा में लगे जमीन पर उतरी  रंभा।।

अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस

चाय मायके, चाय ससुराल चाय कार्यस्थल, चाय पार्टी चाय सखियां करें धमाल।  चाय दूध की, चाय ग्रीन चाय सुबह , चाय शाम चाय बनाये कई काम ।  चाय असमिया ,चाय बंगाली पियो गिलास या फिर प्याली चाय की शालीनता है निराली।  'टी' सीटी की चाय पिंक सिटी में आए कुल्लड़ भर -भर पी जाए जुगों जीने का ख्याल जगाए।  चाय का दिन है आज चाय बिना पर कौन सा दिन भरता है परवाज चाय है सच  में मेरे देश का आज।।

इकबाल

इकबाल ने कमाल दिखाया वर्कशॉप को चार चांद लगाया औजारों की दीर्घा देख 'इकबाल ' ही जुबां पर आया ।। # Kaam ki baat

Changes surprise

Time flies by but New horizons arise Beauty is that changes take us by surprise

थोड़ा अध्यात्म

गीता‌ है कहानी कृष्ण की जुबानी सुनो ज्ञानी और विज्ञानी करो कर्मफल की कुर्बानी मिटेगी कर्मों की निशानी छूटेगी डगर आनी-जानी झूठी दुनिया की भरमानी सब कुछ 'है' में समानी।।

राजदार

इतने बंधनों में जकड़े हैं‍ हम भूल चुके ‌हैं‌ खुद के ग़म त्योहारों में अब कहां सरगम बे जुबां‌ से हो गये हैं ‌हम।  बस राजदार अपना यह मोबाइल चलो इसे बता दो अपने मसाइल महसूस करेंगे तुम्हें उन लफ़्ज़ों में बंद जो हैं फर्ज ओ लाज के कब्जों में।।

मेरा रेगिस्तान

अब मेरा रेगिस्तान बदल रहा है बाजरे से लेकर खजूर तक उगल रहा है।  खेतों में डेयरी फार्म है ट्यूब वेलों की कल-कल है बिछी हुई है पाइप कहीं कहीं फव्वारों से बरसात है छाज की जरूरत नहीं, थ्रेसर घर्र-घर्र कर रहा है।  खेती के लिए ट्रैक्टर पिकअप सामान ढोने को चढ़ने को अब बोलेरो मोटरसाइकिल घूमे छोरो खेत -खेत तारबंदी, हर राह पर गेट लग रहा है।  जहां बाजरा होता था वहां सरसों पसर रहा है तिल वाले धोरों को इसबगोल ढक रहा है कहीं झड़ बेरी की इस धरती पर, खजूर का पेड़ मुस्कुरा रहा है।  गया था बेर खाने हरे चने  देख जी ललचाया देख कर यह नजारा बचपन फिर से अन्दर लौट आया बिजली - पानी का मेल यह, किसान को सशक्त कर रहा है। अब मेरा रेगिस्तान बदल रहा है।।

भारत की आत्मा

भारत की आत्मा गांवों में बसती है यहां झूठ महंगी और सच्चाई सस्ती है।  खाने में अवयव कम है पर जितने भी हैं उन में दम है दिखावा कम है बातों में वजन है तभी युवा पीढ़ी आज भी बुजुर्गों के आगे झुकती है।  घरों में बातें कम होती है काम ज्यादा होता है आने - जाने वाले का आदर होता है भूखे को खाना प्यासे को पानी मिलता है चौपालों पर आज भी रौनक रहती है।  बात की पकड़ अभी बची हुई है युवाओं का भरोसा बुजुर्गों के अनुभव पर कायम है युवाओं में फिक्र कम कुछ कर गुजरने का दम है तभी तो सामूहिक परिवार गांव की बपौती है।  त्योहार मात्र औपचारिकता नहीं बहन - बेटी के घर आने का अवसर है मिल बैठकर खाने और हंसी खेल की चौसर है। रिश्तों पर विश्वास की एक कसौटी है।।  होली हो तो रंग - गुलाल से ज्यादा नाच - गान पर विश्वास है नए-नए स्वांग देखकर हृदय में भरता उल्लास है पीते  हैं मद तो भी आंखों में  कान्हा की रास बसती‌ है।

With My Mentor

Positivity & Inspiration Can't be Learnt Instead These can only be earned from the company of an able mentor. # Yesterday at Manglam Aroma

नौ साल का सफर

हरि हाथ विदाई पाई वरिष्ठ चेहरों मुस्कान आई मनीष ने संचालन कर के सबके दिल की बात बताई जैनेन्द्र का गजब प्रबंधन जिसमें दिखी‌ हर‌ चतुराई अर्जुन और हुणता ने  भावों से भागीदारी ‌दिखाई कमलाजी का उत्साह निराला डेढ सौ किमी सफर से आई जब सजा‌ यह गुलदस्ता  मुझको नौ‌ वर्षों की‌ याद आई सफर हो तो‌ ऐसा‌ ही हो दिल मिले और आंख सरसाई बाहर देख दिल के अन्दर देखा सबका प्रतिबिंब दिया दिखाई।।

एक स्वर साम्राज्ञी

जिसके सुरों पर भारत हमेशा चहका आज‌ सुर मौन हुए भारत है भौंचक्का सदा‌ नहीं यहां किसी को इस जहां में रहना गंगा ‌में‌ जैसे जल बहे तेरे सुरों की धारा  ना रूकेगी कभी बहना सुरों की जब भी बात होगी हर दिल ये जरूर कहेगा वाह !लताजी का क्या कहना।।

Tribute

His life was his message Which was based on Non- violence & truth practices Though the body has vanished but his teachings flourish and will always guide the masses. Irrespective of boundaries of  Countries , caste, creed & races. # Shaheed diwas

सर्दी जाती अरमान जगाती

आ जाओ अब तो धूप सजने लगी मेरे जज़्बातों को हवा लगने लगी। कुछ रोज तेरे  इंतजार में कट गये कुछ सर्दी की भेंट चढ गये बीता सर्दी का पहरा ख्वाब फिर सुलगने लगे। याद‌ तुम्हारी भीनी-भीनी बसी हृदय ज्यों कस्तूरी मुस्कान तुम्हारी झिनी- झिनी करती रोमांचित ‌ज्यों बिजूरी फ़रवरी की आवक देख मेरे नैना तरसने लगे। तेरे संग बीता समय है मेरी सोने की‌ गिन्नी तेरी बातें रस-रसीली मेरे जीवन चाय की चिन्नी फागुन के किस्से सुन, अरमानों से चिलमन हटने लगे। तेरे आंचल की महक गुलाब सी आभा आकर्षक  सरसों खेत सी देख खेतों के रूप मेले मेरे मन में सजने‌ लगे।।

National Girl child day

A Girl Synonym of creativity, Devotion & beauty A bond of family Be she Radha,  shayra or Emily Supporting in her dreams come true is society's  collective duty.

ठंड से

ऐ ठंड छोड़ दी मैंने जिद्द नहाने की डर कर तेरे प्रकोप से अब तो बरत कुछ राहत चल रही‌ है नाक अकड़ रहे हैं हाथ जब होती है प्रभात सड़कें मिलती हैं सुनसान खामोशी हर तरफ ऐसी जैसे उजड़ गया हो गांव ना कोवों की कांव ना‌ नलों में सांय सांय भांप कर अजीब ये नजारा मैं दुबका रहता बिस्तर सब से मुंह मोड़ जाने को आई जनवरी अब तो पिछा‌ छोड़।।

पदोन्नति पर

नौकरी में पदोन्नति कुछ इस तरह है जैसे‌ जीवन में  अवस्था परिवर्तन अन्दाज बदल जाता है जैसे ही‌ बदलता है ओहदा बढता हुआ ओहदा‌  करता जाता है‌ विनम्र गरिमामय जो बनानी है अनुभव की उम्र।‌। I have been promoted to the post of the Executive Engineer wef Sept 2018 . Tomorrow is my birthday so it is double dhamaka.

इश्क की खुमारी

आज एक और रसीद आई सुबह-सुबह उमंग ले आई सौदागर के सपने भरने देखो यह सुनहरे रंग में आई। मकर सक्रांति पर्व पर यह विचारों को पंख लगाने आई बिन चरखी और डोर के ही मुझको आकाश घुमाने आई। मेरे कोमल मन को देखो जहां की सैर कराने आई मावठ के इस शीत मौसम में शब्दों से इश्क की खुमारी लाई।।

Visit to Tigers Place

I have been on a sudden trip to the area resided by Edward Jim Corbett from 26 to 30th with my son by road via Faridabad where I had a night stay at Mahesh Garg place.Thanks to Alok for invitation to see his place and fish farms but due to shortage of time could not be possible. I reached Ramnagar on 27th Dec.2021 around 05:30 PM and received warm welcome by our batch tiger Anil Negi. Next morning i.e. on 28 th Dec.our site scenes started with the excursion on the Koshi barage. Then visited the temple of goddess Garjia, this temple is situated between the river koshi.The water in river koshi is very pure and transparent. Each boulder in the depth of water may be counted without any effort. Then went to Dhikala range gate and viewed the Corbett museum . A light and sound show on jungle and its habitat was the main attraction there. Had lunch at a restaurant and and wen...