सावन में निनाण काढां, निनाणां ली नाह टीडन्सिंयां रो साग खावां, वाह रे सांईं वाह। टीन्डसी राजस्थान की एक टीण्डा वर्ग की सब्जी है।उपरोक्त प्रसिद्ध राजस्थानी उक्ति टीन्डसी की सब्जी की लोकप्रियता को रेखांकित करती है। इस मेरु प्रदेश में बारानी खेती में टीन्डसी पहली हरी सब्जी होती थी जो बरसात के महीने भर बाद मिलने लग जाती थी। इसलिए यह राजस्थानी संस्कृति में विशेष स्थान रखती है। सावन मास में टीन्डसी अवश्य ही उपलब्ध होती है।टीन्डसी को काटकर ,बीज निकालकर और धूप में सुखाकर फोफलिया बनाया जाता है जिसकी मीठी सब्जी राजस्थान में विशेष लोकप्रिय है। टीन्डसी के बहुत से मुहावरे प्रचलित है जैसे:- कोई आदमी यदि बेमतलब किसी दूसरे के काम में टांग अड़ाए तो लोग कहते हैं" तुम यहां क्या टीन्डसी लेने आया है।" इसी कड़ी में आज मैंने भी में लंच टीन्डसी की सब्जी बनाई जिसकी रेसिपी नीचे दी गई है। सामग्री (एक आदमी के लिए):- टीन्डसी - एक प्याला प्याज- एक मध्यम साइज खाद्य तेल- एक बड़ा चम्मच लहसुन-५-६ कलियां लाल मिर्च पाउडर आधा छोटा चम्मच धनिया पाउडर चौथाई छोटा चम्मच हल्दी पाउडर चौथाई छोटा चम्मच नम