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Showing posts from June, 2020

आज एनिवर्सरी पर्ल है

आज एनिवर्सरी पर्ल है जीवन कहां अब सरल है। आदर्श आपके हमारी शक्ति हैं जीवन जीने की युक्ति हैं यादें आपकी हर पल आती हैं जीवन का राग सुनाती हैं            जीवन धारा अविरल है           पर जीवन कहां अब सरल है           आज एनिवर्सरी पर्ल है। ना जीवन में वो उमंग है ना कपड़ों में वो रंग है दिल की गली अब तंग है ना संगीत में रंगत है ना भोजन में वह रस है           बस कालचक्र अटल है           पर जीवन कहां अब सरल है           आज एनिवर्सरी पर्ल है। ना लाभ - हानि की फिक्र है ना सुख- दुख: का कोई जिक्र है ना मौसम का कोई फेर है ना दिन में कोई दिलचस्पी है ना अंधेरे का डर है।           बस प्रकृति नियमों पर अमल है           पर जीवन कहां अब सरल है           आज एनिवर्सरी पर्ल है। जो जवां चले जाते हैं वो हमेशा जवां यादों में दिखते हैं शायद उनकी शक्ति हमारे साथ रह जाती है और हमारी थाती बन जाती है           यही अब जीवन संबल है           पर जीवन कहां अब सरल है           आज एनिवर्सरी पर्ल है।

ये अंगुलियां

ये अंगुलियां भी कमाल हैं जब कोई अपना इन्हें होठों पर रख दे तो बन जाती मुश्किल में ये ढाल हैं। जब कोई इनसे भोजन बनाकर खिला दे तो तृप्ति होती बेमिसाल है। जब दो प्रेमी बिछड़ जाएं तो अंगुलियों पर गिनती करते दिलों का बुरा हाल है। जब कोई कम - ज्यादा बोल दे भेद दिल का खोल दे यह अंगुलियां उठ कर कर देती बेहाल हैं। जब मूंगा पहनी उंगली की कोई चेहरे से ज्यादा तारीफ कर दे तो मच सकता बवाल है कहलाता यह फ्लर्ट है इसलिए रहना हमेशा अलर्ट है।

एक बंग बाला

दीर्घ वृत्ताकार तेरा मुखड़ा जिस पर सूर्य जैसी बिंदी आंखें मय के प्याले जैसी उड़ा दे सबकी निंदी झूमर तेरे शंकवाकार जो कर दें दिल बेकरार गर्दन तेरी सुराही दार जिसमें मैचिंग वाली माला साड़ी पहने लाल पर दुर्गा लगती है ये बाला होंठ तेरे पंखुड़ी जैसे नाक है सुआदार चूड़ियों से भरे हाथ तेरे बिखेरे इंद्रधनुषी रंग घुंघराले बाल तेरे अद्भुत लहराने का ढंग चश्मे में से जब तू देखें चेहरा लगे ईमानदार पूजा वाली थाली संग लगती नारी हिंदुस्तानी जिधर से भी तू गुजरे उधर मौसम हो जाए तूफानी देख तुझको जी‌ ललचाये जैसे तू हो रसगुल्ला शानदार इतना सब सोच समझ कर लिखने का चल दिया अपना दांव मैं दूर देश का सीधा साधा बड़ा दूर ही मेरा गांव गलती हो तो माफ करना यही जहन मे आया सरकार।

कैसा जादू कर गई

लाल फूल व हरी पत्तियों वाला सूट जिसका है आंगन काला रेगिस्तान हरियाला लगे जब पहने इसको कंचन वर्ण बाला उस पर हरियाली चुनर और मुस्कान का हुनर निराला आंखें तुझ पर अटक गई तू ये कैसा जादू कर गई। मुश्किल तो तब बढी जब देखे कंगन लाल खनक इनकी सुन ना पाये हम रह गए कंगाल मन में आया अब बाली बन तेरे कानों में लटक जाऊं कंगन की खनक में हर संगीत का आनंद पाऊं आंखें कानों पर अटक गई तू यह कैसा जादू कर गई। मैं मन भर लिखता हूं तुम सब पढ़ लेती हो तुम रत्ती भर लिखती हो मैं कैसे पढूं तुम्हें इसलिए मेरी आंखें तुम्हारा आईना बन गई और तुम पर ही अटक गई तू यह कैसा जादू कर गई।

बिजलियां गिराया ना करो

लाल है प्यार का रंग लाल जुड़ा है खतरे संग लाल बनाए आकर्षक लाल ही इश्क के ढंग यों तुम लाल लिबास पहनकर हम पर बिजलियां गिराया ना करो। इन बालों को भी यों बांधा ना करो अगर बांधो तो फिर खोला ना करो और खोलो तो फिर देखने से रोका ना करो जब इन्हे बांधते हो तो तुम्हारा भाल चंद्र सा लगता है खोलते हो तो हमारे दिल में ज्वार सा उठने लगता है चंद्रमा के चरित्र को यों उजागर किया ना करो हम पर बिजलियां गिराया ना करो कैदखाना हैं बिन सलाखों का ये तुम्हारी दो आंखें उठती आंखें दुआ बनती झुकती बनती अदा ये आंखें यों इनमें काजल लगा कर और गहरा बनाया ना करो हम पर बिजलियां गिराया ना करो तेरे ये सुर्ख होंठ कभी गुलाब लगते हैं कभी लगते हैं शोले इनकी शरारती मुस्कानों पर हमारा ईमान डोले यों इन्हें सुर्ख बनाया ना करो हम पर बिजलियां गिराया ना करो तेरे गालों पर पड़ते ये गड्ढे इन पर जो फिसले फिर ना उबरे जमाना बहुत खराब है कोई इन्हें "क्वारंटाइन" केंद्र ना कह दे इन गड्ढों पर लगाम लगाया करो हम पर बिजलियां गिराया ना करो।

स्वाद राजस्थान के: नीमझर के तड़के वाला रायता

यूं तो नीम के गुण सभी को मालूम है ।यह रक्तशोधक, कीटाणु नाशक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करता है। नीम का चर्म और मधुमेह जैसे रोगों में विशेष औषधीय महत्व है। पानी में इसकी पत्तियां डालकर गरम कर उस गर्म पानी से नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं। दातुन करने से दांत स्वस्थ रहते हैं इत्यादि ।लेकिन इसका एक उपयोग भोजन का जायका बढ़ाने में भी प्रयुक्त होता है । नीम के पुष्प को नीमझर कहते हैं और नीमझर भोजन का जायका बढ़ाने में प्रयुक्त होता है जिसे मैं यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। यह चूंकि अत्यधिक गर्मी वाला और कोरोना जैसे महामारी का समय है जहां हर आदमी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है तो ऐसे में मैं यहां कुदरत द्वारा प्रदत रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने वाले नीमझर के तड़के वाला दही और प्याज वाला रायता प्रस्तुत कर रहा हूं जो स्वादिष्ट तो है ही इसके साथ ही नीम के अद्भुत गुण लिए हुए भी है। आशा है आप सभी को यह पसंद आएगा और जब भी मौका मिलेगा आप भी इसे आजमायेंगे। सामग्री (एक आदमी के लिए):- तीन चौथाई प्याला दही एक प्याज मध्यम साइज का देसी घी दो छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर आधा छोटा च