चारों मिलकर चोसर रची खेली तुरत - फुरत चार साल के अंतराल में पायो सब अकूत आठ और चोदह में भूकंप आए सब हो गए भयभीत फिर भी हमने खूब निभाई इस दुनिया की रीत चाहे हो जॉब चाहे हो मित्र ...
कुछ लोग बिन बुलाए आते हैं घर का माहौल सूंघ कर जाते हैं अपनी टिप्पणी के साथ राय भी दे जाते हैं बात भले चंद्रयान की करें घर को कश्मीर बना जाते हैं उनकी दस मिनट की सामग्री पर पूर...
जीवन सड़क जैसा है जिसे इससे गुजारना है उसे गुजारना ही है चाहे हो भारी चाहे हो प्रभारी चाहे हो तेज चाहे हो निस्तेज जिसे इस से गुजरना है उसे गुजरना ही है। ना करो कोशिश किसी को ...
व्हाट्सएप पर मैसेज पढ़ा फिर जाना करके ट्रिन आज नया रोल निभाया सुखद है आज का दिन अनन्या एग्जोमी करती है असम बाढ़ के लिए काम ना रुपए ,ना गहने इकट्ठा करती सामान आम चार किलो कपड...
द्वन्द्व का दीपक यूं ही जलता रहे संसार द्वन्द्व का नाम है कभी अहम् पर कभी चेतन पर कभी मार्क्सवादिता पर कभी पूंजीवाद पर द्वंद्व दीपक का संदेश है। कभी भगवा टीशर्ट की हार पर ...
वर्षा आई चाव से भीगा तन मन सारा निर्लज्ज कड़के बिजली जैसे हो प्रेम इशारा घर आंगन बेगाना लगे हृदय यूं चिंगारी लगे अब वर्षा भी खारी लगे पड़-पड़ बूंदों की आवाज जैसे प्रेम संग...
प्यारी-प्यारी पानी पुरी देख मुंह में पानी आए मेरा स्वभाव ठेले ले जाए सारे तौर तरीके दूर रह जाए जब मैं पा लूं पानी पुरी आलू प्याज मसाले भरी जलजीरा की जलपरी बच्चे जवान और अधे...
सफेद एप्रन पहनकर मरीजों का मसीहा आता है कितना भी क्यों ना हो दु:ख मरीज का उसके आने से फिर विश्वास से भर जाता है उसके छू लेने से जादू सा हो जाता है। अक्सर कलाकार कहते सुने जाते ...