कुछ चीजें आज भी
नहीं बदली हैं
या कहें कि सिद्धांत:
बदलना नहीं चाहती हैं
वे चीजें मुझे अजीज हैं
जोड़ती जो मुझको अपनों से
दिलातीं हैं विश्वास कि नहीं बदलते
अपने अपनी कीमत वक्त के साथ
बस कलेवर थोड़ा छोटा हो जाता है
जैसे आदमी का उम्र के साथ
जब से पकड़ी समझ
मिलता था छोटा पैक पांच रुपये में
आज लाया वही छोटू पांच रुपये में
हर्षाया दिल पाकर स्वाद
जो अभी है बचपन से जेहन में
कोई रखता था तैयार इन्हें
सजाकर प्लास्टिक के डिब्बे में
जगह होती थी कस्बा एक छोटा
मरुस्थल के टिब्बों में।।
# My Parle G Biscuit
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