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Showing posts from January, 2021

गुलदस्ता

लगन को कांटो की परवाह नहीं होती बनाना लोगों के दिलों में जगह फिर भी आसान नहीं होती बन जाये गर एक बार दिलों में जगह उनकी दुआयें फलीभूत अवश्य होती प्रजातंत्र के इस खूबसूरत तंत्र में पालिका जीत ही सबसे मौलिक होती अपने ही लोगों के बीच अपने ही कस्बे में उनकी मूलभूत समस्याओं के निराकरण का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती सरदार शहर के वार्ड नंबर 24 से आपकी उल्लेखनीय जीत हमें इस चुनौती पर आपके खरा उतरने के‌ लिए बहुत आश्वस्त करती ।।

बापू को नमन

बापू आज आपके देश में सत्य , अहिंसा ‌ शरणार्थी है और अहम् के हाथ में लाठी है इसलिए मारे शर्म के अब आपकी मूर्ति के सामने आने की मेरी हिम्मत नहीं जुट पाती है ।।

मोगरी - टमाटर की सब्जी

वैसे तो सर्दियों में कई तरह की सब्जियां आती हैं, लेकिन बहुत सी सब्जियां इस मौसम में बहुत आसानी से और सस्ती मिलती हैं। उन्हीं में से एक है मोगरी(Radish Pods) यानी मूली की फली । कभी रविवार के दिन जब फुर्सत हो तो मोगरी को साफ करके बारीक काटकर इसकी सब्जी बनाई जा सकती है जो बहुत स्वादिष्ट होती है। कल बाजार गया था तो पाव भर मोगरी लाया था। जिसकी आज दोपहर में सब्जी बनाई और बाजरे की रोटी के साथ खाई जो बहुत ही स्वादिष्ट लगी। यहां उसकी रेसिपी पेश है ,आशा है आप लोगों को पसंद आएगी। सामग्री (एक आदमी के लिए) 1-सौ‌ ग्राम मोगरी (छोटे टुकड़ों में कटी हुई) 2- दो छोटे खट्टे टमाटर (बारीक कटे हुए) 3-मूंगफली का तेल एक बड़ा चम्मच 4-लहसुन की 4 कलियां ( पेस्ट बनायें) 5-जीरा आधा छोटा चम्मच 6-लाल मिर्च पाउडर एक छोटा चम्मच 7-हल्दी पाउडर आधा छोटा चम्मच 8-नमक एक छोटा चम्मच बनाने की विधि एक कड़ाही में एक बड़ा चम्मच मूंगफली का तेल लें और मध्यम आंच पर गर्म होने के लिए रखें ।अब इसमें हल्दी पाउडर, लहसुन पेस्ट और जीरा डालें। जीरा आने पर आंच को धीमा कर दें और बारीक कटे टमाटर इसमें डालकर एक मिनट तक चलाते हुए गर्म

खुशबू से

खुशबू का काम है महकाना लोगों का काम है महकना ऐ खुशबू रोज उस राह से गुजरना जिधर रहती है तेरी तृष्णा तेरा नुकसान कुछ ना होना नामुमकिन है खुशबू को पकड़ना पर राह का निश्चित है महकना।। - मोहन सरदारशहरी

नई भोर

फिर एक कैलेंडर और बदला काफिला पुराना नई                आशाओं संग फिर निकला मन का मोर फिर करे शोर सांसो की सरगम हुई भावविभोर सर्दी की मस्ती भूली हर गिला                ढूंढ रही कोई चितचोर रंगीला फिजाओं में नई ताजगी आई किरणें देख - देख मुस्काई पंछी करें फिर नए कलरव                जब नई भोर का सूर्य निकला।। नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ 💐💐🌹🌹🙏