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Showing posts from December, 2018

चंडीगढ का चाव

चंडीगढ़ का चाव बहुत दोस्तों की चाह बहुत सुनहरी निमंत्रण बहुत यह शहर खूबसूरत बहुत यहां हसीनाएं बेमिशाल जो भांगड़े पर देवें ताल संस्कृतियों का यहां है फ्यूजन देख के ड्रिंक्स पांऊ कन्फ्यूजन कैसे आऊं आपके देश कुछ ईमान डिगने का डर कुछ ड्रिन्कस में भीगने का डर कुछ ड्रीम्स में खोने का डर जो तुम इनसे सुरक्षा की गारंटी दो तो हो सकता है नए वर्ष पर मिलन हो।।

शिमला: स्नो और स्वाभाविकता

श्यामला देवी के नाम से वायस-रीगल -लौज के वैभव से पर्वत चोटियों की चिकनी ढलान से स्कीयरों के उत्साह से जो आमंत्रित करता है उल्लास से उस शहर से हमारी शान है। जाखू मंदिर के इतिहास से ब्रिटिश- गोरखाओं के संग्राम से जो भरा है अद्भुत अतीत गाथाओं से जो निहारता है ढाई हजार मीटर की हिमशिखा से उस शहर से हमारी शान है।। जो जुड़ा है मीटर गेज से वह लाइन करती अठखेलियां सुरंगों से जो अछूता है वैश्वीकरण और वाणिज्यकरण से जिसमें आकर्षण बरकरार है पुरानी दुनिया का उसी शहर से हमारी शान है। जहां की हिमाचली टोपी पहचान है खच्चर यात्रा जहां मशहूर है लोगों के चेहरे जहां गुलाबी हैं व्यवहार में सरलता और निश्छलता है निराश्रित को आश्रय देना जिस की शान है हिम के फाहे जिसे सजाते हैं इस शहर को स्वच्छ, स्वस्थ, शिक्षित बनाना हमारा काम है क्योंकि इस शहर से हमारी शान है।।

जिसने मित्रता परिभाषित की

मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना। जब जी करे चुटकुले सुनने का झट से उसे याद करना। शहादत का जब जिक्र आए तुरंत उससे इतिहास जान लेना। खाने पीने की बात आए या नया हो कुछ करना तुरंत उस से सलाह लेना और उसका साथ हाजिर पाना। मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना। दिमागी कसरत करनी हो तुरंत उसे संदेश देना। सारे जहां की पहेलियां हाजिर पाना कभी गणित की, कभी मेंटल एबिलिटी की, कभी विज्ञान की चुस्ती दिमाग में लाना। मन करे समाचार और समीक्षा का कभी भी उसको कॉल करना कर देगा सराबोर अपने रंग में बस उसे एक बार झेल तो लेना। मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना। मन हो शायरी सुनने का एक बार उसको पिंच कर देना फिर देखो पटियालवी शायरी बस तुम्हें ही पड़े संभालना। जब धैर्य हो उसका आजमाना कुछ ऐसा पांसा फेंकना ज्ञान की परतें बस उसे पड़े खोलना तुम्हें मिसाल दर मिसाल पड़े समेटना कभी ना धैर्य खोने वाले दोस्त से होगा सामना। मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।। प

चुनावी रेलमपेल

रेगिस्तान की पावन धरा पर चुनावी रेलमपेल, कोई दिखावे झूठे सपने ,कोई बोले राफेल। मीडिया भी उधर चले, जिधर दिखे तेल, जनता भी खूब समझे यह मदारी का खेल। रेगिस्तान की पावन धरा पर चुनावी रेलमपेल।। बड़ा मुद्दा है बेरोजगारी, उस पर महंगाई और सुरक्षा, इनका पूरा होना है बड़ी परीक्षा। मुद्दों से भागने का ढूंढा एक सलीका, घसीटो गांधी -नेहरू को यह है आसान तरीका। सत्ता के दावेदारों समझो जनता है बेहाल, ऐसे बोल- बोल के सता पाओगे तो ना होगे निहाल। अभी भी वक्त है कर लो मुद्दों से मेल, रेगिस्तान की पावन धरा पर चुनावी रेलमपेल।। व्यक्तिगत आक्षेपों से जनता आई आजीज, लोकतंत्र में हर मुद्दे पर चर्चा हो सटीक। असहिष्णुता को मिले ना कोई भाव, चारों तरफ हो बस सद्भाव का चाव। जनता तरक्की करे तुम्हें मिले सम्मान, वरना सबका अब हो जायेगा अवसान। मिलेगा कुछ नहीं बस, पांच साल बाद फिर वही चुनावी रेलमपेल।।