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Showing posts from April, 2018

Importance of buddhism

The Buddhist teaching of the law of karma offers people an incorruptible foundation and reason for living a moral life. It is easy to see how the following of the law of karma would lead any country towards a stronger, more caring and virtuous society. The practice of meditation has been at the very heart of the Buddhist way. Today, meditation grows increasingly popular as its proven benefits to both mental and physical well-being are becoming more widely known. When stress is shown to be such a major cause of human suffering, the quieting practice of meditation becomes ever more valued. Today’s world is too small and vulnerable for us to live angrily and alone, and thus tolerance, love and compassion are very important. These qualities of mind, essential for happiness, are formally developed in Buddhist meditation and then diligently put into practice in every day life. Forgiveness, gentleness, harmlessness and peaceful compassion are the well-known “trademarks...

संजीव शर्मा का जन्मदिन: एक प्रेरणा

यूपी का था बड़ा समूह , जिसमें संजीव चहेता था। मितभाषी और शालीनता वाला उसका चरित्र था। 5 साल के साथ में, शायद बातें कम ही हुई। पिछले नवंबर यूं लगा, जैसे अभी साथ थे। उच्चाहार बायलर ब्लास्ट ने, उसके हौसले से रूबरू कराया। खुद की परवाह नहीं करके, दूसरों के बारे में पूछते पाया। बिजली ही पहचान थी, बिजली के लिए जंग लड़ा। ऐसे ' रेक रत्न ' के बिना, बैच ८४ सुना पड़ा। बिजली वाला होने से, बिजली की नब्ज जानू। जीरो टोलरेंस सेफ्टी मे, यही मैं वचन पालूं। फिर कोई बिजली रत्न, यूं ना कभी करे गमन। शायद यही सच्ची श्रद्धांजलि, उस बिजलीरत्न को रास आए। साथी बिजली कार्मिकों और मित्रों का हौसला बढ़ाए। मोहन आरजे

हिंगलिश मेम

एक दिन हम 'कान्हा' में बैठे, इतने में एक हिंगलिश मेंम आई। शुक्र है बॉय कट बाल थे, वरना हम उलझ जाते। गले प्रेशियस स्टोन माला, जिस पर गोगल झूले निराला । माला और गोगल का अद्भुत मेल, हमने देखा पहली बार यह खेल। फिट व फाइन उसका लिबास, जो दे उसे पूरा आत्मविश्वास। लाल लिपस्टिक ,मोतिया दांत आइब्रो उसका तीर कमान पतले होंठ , सजीले नैन जो देखे ना पावे चैन। हमने ऐसी हिंगलिश मेम देखी। काउंटर से इडली लाई, टेबल बैठ मुंह ही मुंह चबाई। जब तब उसने कोर लिया, हमने छुप-छुप दर्श किया। पार्किंग में जब गाड़ी फंसी, उसने मैनेजर की खूब कसी। पहले धीरे हिंदी बोली, फिर गिटपिट इंग्लिश पेली। देख नजारा हम घबराए, पर वह बड़े सहज से नजर आए। रथ सवार हो सरपट दोड़ी , हमें आज भी याद है वह घड़ी। फिर हम कभी ना 'कान्हा ' गए, ना उनके दीदार हुए। हमारी हालत सांप - छछूंदर, अब भूलें कि याद करें। उसके अद्भुत इखलाक देते हैं अक्सर प्रकाश । हमने ऐसी हिंग्लिश मेम देखी।

Akha Teej :Sweet &Sour

Traditionally Akha Teej is celebrated on third tithi(3rd lunar day) of the bright half of vaisakh month. Farmers celebrate it in rural area in a special way and they go to their fields early in the morning with seeds and water and at fields they perform a token ploughing and search for seeing a signal of happy future(Shagun) of coming khareef crop. It is believed that if they see a "son Chiri " at field on this day then the coming khareef crop will be in bumper quantity. After that they return home with some Green Leaves from the field and put the Green Fields on their houses as an auspicious signal. The food cooked on this day is called "Khichada" in local dialect which is made from multi grains, for example Bajara, moth, moong, wheat and gram and it is eaten with desi ghee and curry.Though the "Khichada " now has been a bygone era food but today I had a privilege to enjoy the "Khichada " made on hearth and enjoyed with home made cow ghee and ...

कुदरती देहाती जीवन

कितना प्यारा, कितना न्यारा देहाती जीवन हमारा था। शीतल जल था घड़े वाला दूध पीते थे कढावणी का रोटी सिकती चूल्हे पर रखी जाती थी ठाटलिए में सुखाई जाती थी छींके में खाई जाती थी ...