6 माह पहले चर्चा हुई बग्गा की बीमारी की,
खबर सुन लगा जैसे लपटें हो आग की ।
आग फैलते देख रेक 84 सक्रिय हुआ जैसे सुपर दमकल हो,
कुछ अंबाली, कुछ करनाली, कुछ कुरुकी आगे आए ,
उधर संगीता ने कुछ ललकारा दिल्ली से,
भुवनेश ,केपी और कुछ नोएडा वाले बोले यूपी से ,
कुछ मनीष ने चक्र चलाया और हुंकार भरी माया नगरी से।
देखते देखते रास्ता खुलता गया तसल्ली से,
सारे टेस्ट और पटकथा तैयार हुई चंडीगढ़ से
आखिर हौसला और जज्बा पहुंचा अब मुकाम पे ।
सुना था पत्नी नाम है त्याग का
परंतु इसको प्रत्यक्ष साबित किया वंदना ने ।
दान नाम ही मुश्किल है और ऊपर से अंग दान,
जहां झुरझुरी चलती इंजेक्शन के नाम से,
ऐसे मैं भी पत्नी किडनी देती शान से।
इस मिशन की सफलता को सलाम जी जान से,
धन्य वंदना ,धन्य बग्गा ,धन्य 84 इस भाईजान से।
यों ग्रुप में भले लड़ें जैसे बच्चे हों नर्सरी के,
थोड़ा मैट्रिक हो जाते हैं स्पेलिंग की बात पर,
पर जब बात जिम्मेदारी की आई हम मेच्योर दिखे दीवान से।
भगवान करे बग्गा के नाम से बना यह मिशन काम करे कई और महान से,
और बग्गा परिवार फिर से झुम्मे बड़ी शान से।
कपिल पिछले 5 साल से लड़ रहा अकेला योद्धा महान से,
थोड़ा सा उसकी की तरफ भी विचार करें इत्मीनान से
हौसला बग्गा का ,त्याग वंदना का,
जज्बा रेक- 84 का अविस्मरणीय है,
ऐसे अद्भुत मिशन और इसकी कामयाबी बार-बार वंदनीय है।
मोहन आरजे
Siddh Bhai. Really described so nicely can't be explained in words.
ReplyDeleteSanjiv
Bhai, you are scaling newer heights Everytime.
ReplyDeleteSuperb Siddh bhai
ReplyDeleteBeautifully written Sidh bhai
ReplyDeleteThank you Sanjiv,Amit (always keep me aware of my scaling by your beautiful comments on regular basis) and Debu da (the grt analyst).
ReplyDeleteAll credit for this goes to will power of Bagga family.