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Showing posts from April, 2025

एक नई पहल

बहुत -बहुत बधाई बिमल ठाकुर और कनेक्टिंग लाईव को। यह एक बहुत ही शानदार पहल है। मेरी चर्चित पुस्तक "ठाटलिया" की कविता  "महिलाएं"  के उद्धरण  से इस पहल का स्वागत करना चाहूंगा :- बदला वक्त  बन रही सशक्त  बेड़ियां हैं मुक्त। स्वच्छ फिजाओं में  स्वेच्छा से हों फैसले तो दिशा‌ बदले।। जरूर दिशा बदलेगी और उस में आपका यह कदम सराहनीय है बिमल ठाकुर जिसकी बहुत -बहुत बधाई 💐💐 Link of the book is as under- https://amzn.in/d/7xry0Zt

भावों का मोल

A memory one year ago बड़ों की आशीष से कोई रहे ना अछूता भावों में जो रंग है  भावों से ही बरसता।। मेरी चर्चित पुस्तक "ठाटलिया: कविताओं का पिटारा" से उद्धृत . Amazon link of book is given below https://amzn.in/d/bIZCklS

तेरे सपनो सो नहीं पात

भेजने वाली शमा पाने वाला परवाना आज नींद नहीं आयेगी जागी आंखों सपने आना। परवाना गुलाब लाया शमा को अर्पण किया लौ कुछ ऐसे सजल हुई मानो ग़ज़ल ने दिल छुआ। अनजाना सा यह रिश्ता  फिर भी तू लगे फरिश्ता आकाश मार्ग से कभी तो आ महक जाये मेरा गुलिस्तां। फकत निर्मूल आशा से  कब तक देखूं तेरी बाट दिन कटे दुनिया की माया तेरे सपनों, मैं सो नहीं पात।।

छाणेड़ी

रात रोशन दीपक करते जिसमें खुशबू थी तिल तेल की चूल्हा जलता लकड़ी ,कंडे से जो सजते थे छाणेड़ी में चूल्हे बैठ चर्चा करते सब रिश्ते आनंदित होते सिर्फ चौपालों के मेले थे चौपड़ पासा, कुश्ती ,दड़ा और मल्ल युद्ध निराले थे कितना प्यारा, कितना न्यारा देहाती जीवन था हमारा । - मेरी चर्चित पुस्तक "ठाटलिया : कविताओं का पिटारा" से उद्धृत  For more joy of reading please read my book which is available on amazon.link of which is given below. This is an ebook to read downloading of kindle app from play store prior purchase is necessary. https://amzn.in/d/0S3ssiI

मनोज कुमार

यह कुछ ऐसा ही ‌है  जैसे पतझड़ में अनायास  पत्तों की बरसात  बरसात में भीगकर आती गर्माहट की बात।। - मेरी पुस्तक " ठाटलिया : कविताओं का पिटारा " से उद्धृत  ठीक उसी प्रकार मनोज कुमार का नाम  और भारत की तस्वीर साथ-साथ जुड़े रहेंगे।      विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏

ठाटलिया

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Camera

Sometimes camera becomes Too small to catch up all. # Retirement function of Er SV Singh from the post of SE (T&C) Ratangarh on 31.03.2025.