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Showing posts from December, 2025

सिर पर साया

सिर से साया उठ जाना समझ में यह तब आया घर में चौकी सूनी देखी चोबारा खाने को आया रिश्तेदारों की खातिर कैसी ? कुनबे की क्या है माया ? बात यह मैं किससे पूछूं बस नजरों को मैंने अपने ही पैरों में झुका हुआ पाया।। तृतीय पुण्यतिथि पर सादर नमन 🙏 🙏