'ही- मैन' बस अब हृदय में रह गया नेता, अभिनेता, शायर बनकर करोड़ों दिलों में सपनों को पंख लगाने की हर एक में हसरत भर गया गांव की मिट्टी की खूशबू से मुंबई की चकाचौंध को तर कर गया।
खण्डहरों की भी अपनी कहानी है दरवाजे नहीं हैं, यही आगवानी है । गुजरें कभी उनके आगे से लगता है हमारे दरवाजे बेमानी हैं कुछ पाकीजा हुजरे भी उधर बचे हैं देखकर लगता है, हमारे तजुर्बे कच्चे हैं।। हुजरे - कोठरियां
मधुमास की हरियाली और फूलों की महक मुझको भूली है वह याद कर रहा नाहक। अपना-अपना नसीब किसी को मिले दर्द ओ बेदर्दी के सबब और किसी को 'हग'। भावनाओं को उजागर करना देख मकाम तीर निशाने ना लगे तो बड़े बुरे हैं अंज़ाम।।
अकल दाढ़ आई अकल के साथ वर्ष साठ में करने लगी आघात दंत चिकित्सक के पहुंचा पास उन्होंने किया इसका राज फाश नहीं ज़रूरी थी कभी अकल दाढ़ यों ही हम मानते रहे तेरे साथ खुद को अकल वाला ऐ दाढ़ तेरी तो नहीं है मुख में कोई साख बस दशकों पुराना है तेरा साथ इसलिए करता हूं लिहाज रोक दे देना दर्द का सिलसिला नहीं तो ढह जायेगा तेरा किला।
लिखने को अच्छी हैं कविताएं मिटाती हैं कुछ तो चिंताएं मिलती हैं पाठकों की दाद लिखो जब कोई किताब लगता है पूरी हुई कोई मुराद पाठक लिंक देख किताब की बिदकते जैसे खिंच रहा हो नकाब भाई प्रमोशन में मुफ्त भी पढ़वाते हैं डरो नहीं हम तो बस पढ़ रहे मिजाज।।