Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2021

आश्विन की बारिश

ये आश्विन‌ की बारिस जैसे सोतेला‌ वारिस गड़ गड़ाये ज्यादा लाभ पहुचाये आधा बस इतना जरूर है सावधान करे ज्यादा।।

श्री भीमनाथजी सिद्ध‌ एक संस्था थे

श्री भीम नाथ सिद्ध एक कलम और बात के ही‌ धनी नहीं थे बल्कि एक संस्था थे ।आपका जन्म ग्राम बादड़िया तहसील सरदारशहर में हुआ। आपकी स्नातक तक की शिक्षा सरदारशहर कस्बे में ही हुई। उसके बाद आपने एलएलबी श्री डूंगर महाविद्यालय बीकानेर से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। एलएलबी के बाद आपने चूरू जिला मुख्यालय पर 1972 में वकाल के पेशे को अपनाया और लगभग 49 वर्ष इस पेशे में रहे और 2020 से लगातार बार एसोसिएशन सरदारशहर के अध्यक्ष पद पर आसीन थे।वकालत को‌‌ आपने सिर्फ पेशा ही नहीं सामाजिक दायित्व के तौर पर‌‌ लिया और हर समाज ,हर वर्ग के कार्य को पूरी निष्ठा से किया और जन-जन के हृदय में जगह बनाई। आप एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, जो वकालत के साथ-साथ राजनीति में भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमेशा सक्रिय रहे। आप 1985 से 1990 तक मालसर ग्राम पंचायत के सरपंच और पंचायत समिति सरदारशहर के उपप्रधान रहे और इसके माध्यम से जन सामान्य की हर संभव मदद की।आप क्षेत्र के बड़े राजनीतिज्ञों के हमेशा से विश्वास पात्रों में रहे। चाहे वह पूर्व विधायक श्री हजारीमल जी सारण( जो उनके राजनीतिक गुरु भी थे) हों, या फ

हिंदी है माथे की बिंदी

राजभाषा है हिंदी राजकाज इसमें होता है कम राष्ट्रभाषा है हिंदी पूरे राष्ट्र में‌ बोली यह जाती नहीं सांस्कृतिक सूत्र है हिंदी  पर आर्थिक आधारित हो गई संस्कृति पूरे देश‌‌ में‌ फिर भी जीवित है हिंदी क्योंकि हमारी आत्मा है यह एक दिन का उत्सव‌ नहीं है हिंदी हिंदुस्तान की प्रतीक है यह पढ लो कितने ही शास्त्र पर विश्व बंधुत्व केवल पढाती है हिंदी हिमालय सी‌ ऊंची तो गंगा सी‌ मधुर और रेगिस्तान ‌जैसी सहनशील है हिंदी लिखते होंगे अंग्रेजी बोलते ‌होंगे आंचलिक फिर भी हिंदुस्तान के माथे की‌ बिंदी है हिंदी।।

सच्चा शिक्षक

जिंदगी एक सफर है जिसमें राहें हैं अनेक कुछ जाती मंजिल को तो कुछ छीनें‌ विवेक सच्चा शिक्षक जो मिले तो बदले भाग्य‌ रेख।

पीछा (Backspaced)

आगे बढ़ना जिंदगी है पीछा वह जो जीया है कामना के भंवर जाल में पीछा अनुभव का दीया है। सूरज हो या चंदा सब जगह आवृत्ति का धंधा थोड़ा पीछा भी याद रखें तो जीवन‌ ना‌ लगे फंदा।।