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Showing posts from December, 2019

2019

साल दो हजार उन्नीस शुरू हुआ विशू के संग खत्म हुआ परिवार संग तपते हुए अलाव व्यक्त करते हुए भावनाओं के सैलाब बीच-बीच में इस वर्ष ने हालत कर दी तंग जब जब छीनी इसने उमंग 22 मार्च, 17 जून, 18 दिसंबर दिवस थे सितमगर छोड़ गए कर छलनी जिगर मेरा विषमगर सताईस जुलाई को उदासी छाई अजीज एस के शर्मा की अब ना भरपाई जीवन भूल-भुलैया है अदृश्य केवट की नैया है समझना दुरुह है स्वीकारना बुद्धिमानी है भावुक होना बेमानी है खड़े रहा डटकर इसलिए दोस्त रहे सटकर जनवरी नारायण बारेठ के नाम दिसंबर आशु लाल चौधरी के धाम नवंबर रैकेर्स की धूम बन गए दो हजार उन्नीस की लूम जो रहे साथ सदा उन का तहे दिल से शुक्रिया जिन्होंने पेश की परेशानियां उनका भी तहे दिल से शुक्रिया उन्होंने ही बनाई नई नई कहानियां जिन से ही कोई निकलेंगी नई राहों की तैयारियां नया साल मुबारक हो उन्नीस को छोड़ दो पीछे बीस ना रहे इक्कीस से नीचे

प्यार का मसौदा

सनी और हनी लगते बड़े फनी सनी स्वतंत्र है ह नी कार्य से बंधी है सनी बड़ा सामाजिक हनी थोड़ी अंतर्मुखी सनी को प्रिय वाइन वह भी दोस्तों के संग सनी को पैर में हुई तकलीफ अब दोस्तों में जाना हुआ मुहाल यह देख हनी ने रोज सुबह सनी के पैर की शुरू की देखभाल अब सनी सुबह करवाए सिकाई शाम को पीकर पैर से खूब करे बेवफाई सुबह वही दर्द की कराह फिर वही हनी की पनाह रोज यह ड्रामा चले दोनों में से कोई ना बोले सनी को शाम का मादक वातावरण प्यारा हनी को यह मालूम है कि शारीरिक तकलीफ से मानसिक तकलीफ ज्यादा इसलिए हनी रोज करे वही सिकाई और सहे सनी की करतूत सूरमाई सच है रिश्ते वहीं जिंदा हैं जहां तकलीफ एक के दिल की दूजे ने पहचानी है शरीर का क्या है यह तो मिट्टी आनी जानी है।

नेट के रिश्ते

अब मिलती है व्हाट्सएप समूहों पर नित नई फोटो विस्मयकारी जैसे कोई आश्वासन हो सरकारी और पाते हैं हर सुबह नई                 तरुणाई दोस्तों की पोस्ट देख खुलती है मेरी आंखें पढ़ कर यूं लगता है जैसे कोई व्यंजन परोसा हो                 मुगलाई कहां है अब दादा-बाबा की बिस्तर कथा सिर्फ व्हाट्सएप समूहों में ही खुलती है अब कोई छिपी व्यथा यहीं पाते हैं थोड़ी रिश्तों की                 गरमाई अब फ्लैटों में नहीं आंगन वाली वो छाया ना संयुक्त परिवार वाली सुरक्षा की छत्रछाया व्हाट्सएप समूहों पर ही है 'शेयर' करने वाली माया जिससे पाते हैं थोड़ी              हौंसला अफजाई

Third RECK Re-Union

Amidst so much enthusiasm I started my journey to Kurukshetra at 9:00 a.m. on 29th November 2019 and as per the previous schedule I reached at RGTPP, khedar, Hisar where now- a- days my friend Mr Amod Jindal is posted as S E. it was in my visit list since I passed my bachelor degree in electrical engineering to visit a thermal plant and this desire has been fulfilled after 30 years of passing out with the help of Amod Jindal. He took me to every processing places of the thermal plant and side by side explained every step of generation of electricity. I was impressed to see specially the inner side of the cooling tower, the furnace section and the reclaimer and staker sites.It took arond 4 hour to see the complete plant. The lush green area in the plant is very emphatic. Though at the same time it was painful to hear that 17000 tons of coal is brunt daily here and a lot of water is lost in the process of generation. Anyway it was a dream fulfilled after a long 30 years waiting for wh

Third RECK Re-Union

Amidst so much enthusiasm I started my journey to Kurukshetra at 9:00 a.m. on 29th November 2019 and as per the previous schedule I reached at RGTPP, khedar, Hisar where now- a- days my friend Mr Amod Jindal is posted as S E. it was in my visit list since I passed my bachelor degree in electrical engineering to visit a thermal plant and this desire has been fulfilled after 30 years of passing out with the help of Amod Jindal. He took me to every processing places of the thermal plant and side by side explained every step of generation of electricity. I was impressed to see specially the inner side of the cooling tower, the furnace section and the reclaimer and staker sites.It took arond 4 hour to see the complete plant. The lush green area in the plant is very emphatic. Though at the same time it was painful to hear that 17000 tons of coal is brunt daily here and a lot of water is lost in the process of generation. Anyway it was a dream fulfilled after a long 30 years waiting for wh