कक्षा से कैनवास पर उतरे रंग जीवन के सुनहरे उभरे। रमा ज्ञान की तालीम लिए दिल के अरमां पूरे किए । गुरुओं ने गुणवान बनाया वक्त ने तराश पारस बनाया। कल गोपाल वाटिका में, ले जीवन के सतरंगी पन्ने पैंतालीस साल बाद पहुंच रहे हैं उनको खोलने।।