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Showing posts from August, 2022

ये मिट्टी

मिट्टी मां से भी बढ़कर है क्योंकि मां मिट्टी से बनी‌ है।।  - Mohan Sardarshahari

यंग बोयज

यंग बोयज के चार साल बेमिसाल बेमिसाल।  कभी क्रिकेट का उबाल कभी ग्लेमर का धमाल कभी संगीत की सुर लहरी कभी यादों की टीस गहरी      हर अंदाज रहा कमाल      चार साल बेमिसाल  कभी बातें पैग पटियालवी फिर अंदाजे बयां लखनवी गजलों का फिर सिलसिला सुनकर जब दिल खिला        दिल की बातें चली रेक की चाल        चार साल बेमिसाल  कभी सैर - सपाटों की बातें उस पर खाने की सोगातें मिलकर जहां भी बैठें हों रेक की बातों के खिले गुलदस्ते        रंगो ओ सुंगध छूटा रेक के नाल         फिर भी चार साल बेमिसाल  जब जब राजनीति ने दस्तक दी यंग बोयज दुविधा में दिखी राजनीति द्विधारी तलवार इससे यंग बोयज को लेना उबार      खाना हो तो गुड़ खाओ बाकी सब बेकार माल      यंग बोयज है एक चोपाल       जिसके चार साल बेमिसाल।।

आजादी के पिचहतर

स्वतंत्रता के पिचहतर वर्ष हमने मनाये अनेकों हर्ष शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा और बुनियादी ढांचा हुआ उत्कर्ष लड़कियों को अवसर मिला तो सम्मान देश का फहुंचाया अर्श करें प्रतिज्ञा इस पिचहतर बची रूढ़ियां और आडम्बर शतक होने पर ला देंगे फर्श।।