चूरू तो ठंडा भया चाले ठण्डी बाय खाओ बाजर की रोटियां लहसुन चटनी लगाय। जल्दी सिमटो बिस्तरां दिन में ही सब निपटाय जाना अगर खुले में हाथ-पैर बार-२ तपाय। उगत में कोई दम नहीं छिपते डगमगाय चले है ' डांफर' निर्दयी कलेजे चुभ- चुभ जाय राखो दिन दस संभाल के ये हाड़ फिर सरसाय।।