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Showing posts from November, 2020

उसूल

मेरी खुशी यारों की अमानत है मेरी जिंदगी उनकी दुआओं से सलामत है। मैंने जिंदगी के फर्ज निभाए हैं फिल्मी तर्ज अब इस ऊंघते से समय में नहीं है कोई मर्ज ठहाके लगाने में अब नहीं है कोई हर्ज। मेरी बातों में अब नहीं है कोई रंज मेरी चालों में नहीं है शतरंज मैं तो टिमटिमाता दीपक हूं ख्यालों का जिसको इंतजार रहता यार मतवालों का। मैंने अपनी जिंदगी पर समझा नहीं अपना हक इसलिए जो करना है करता हूं बे-शक जीता हूं आज को ना करता चिंता नाहक।।

My Haryana Visit

I had been to haryana wef 03-11-2020 to 12-11-2020 for some official work at Sonipat ( Bhuvnesh ka shahar). In the journey I had an opportunity to met with Sh. Vijay Mohan Jain in his office at Rohtak . He is working as commissioner , GST there. He made me feel very homely and given a warm welcome with jalebi and samosa and created a RECK intimacy on 3rd Nov. The hotel accommodation at Cozet, Sonipat was good and the owner was a businessman -cum- politician . He finally became a good friend of mine. He was an Ex- Chairman of Sonipat Zila Prishad ,Mr. Raj Singh Dahiya. The special thing I have seen during this visit in haryana is "Tau Devilal Parks " in each city. I had a regular morning jogging at the "Swatantra Sangram Memorial Park " on Bhalgarh road from 5:30 hrs to 6:15 hrs . One big industry of Atlas cycle of Sonipat is now the tale of past. This was a big employer here. In spare times from work I visited Murthal's Sukhdev Dhaba and Garam Dharam Dhaba.

दिवाली संदेश

जिसने भूत को छोड़कर वर्तमान में जीना सीखा है, वह यह नहीं देखता कि पीछे छूटा क्या है? रूह उसकी कभी टूटती नहीं, जिसका खुदा खैरख्वाह है दीपक का काम‌ है प्रकाश देना भले ही खुद का पैंदा स्याह है मेरे दुर्गुणों का हिसाब न रखना उनका फल मुझे ही मिलना है मेरे सद्गुणों को ही याद रखना यही मेलजोल की एक राह है।।