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अकल दाढ़

अकल दाढ़ आई अकल के साथ वर्ष साठ में करने लगी आघात दंत चिकित्सक के पहुंचा पास उन्होंने किया इसका राज फाश नहीं ज़रूरी थी कभी अकल दाढ़ यों ही हम मानते रहे तेरे साथ खुद को अकल वाला ऐ दाढ़ तेरी तो नहीं है मुख में कोई साख बस दशकों पुराना है तेरा साथ इसलिए करता हूं लिहाज रोक दे देना दर्द का सिलसिला नहीं तो ढह जायेगा तेरा किला।
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चूरूवाईट

दो चूरूवाईट एक शहर में मार्गशीर्ष की‌ एक दोपहर में लहरों सी लहराती एक कहानी जब नक्शों से टकरा, कानों पहुंची लगा तेरी जबानी या मेरी जबानी ?

अच्छी हैं कविताएं

लिखने को अच्छी हैं कविताएं मिटाती हैं कुछ तो चिंताएं मिलती हैं पाठकों की दाद लिखो जब कोई किताब लगता है पूरी हुई कोई मुराद पाठक लिंक देख किताब की बिदकते जैसे खिंच रहा हो नकाब भाई प्रमोशन में मुफ्त भी पढ़वाते हैं डरो नहीं हम तो बस पढ़ रहे मिजाज।।

पैंतालीस साल

कक्षा से कैनवास पर उतरे रंग जीवन के सुनहरे उभरे। रमा ज्ञान की तालीम लिए दिल के अरमां पूरे किए । गुरुओं ने गुणवान बनाया वक्त ने तराश पारस बनाया। कल गोपाल वाटिका में, ले जीवन के सतरंगी पन्ने  पैंतालीस साल बाद पहुंच रहे हैं उनको‌ खोलने।।

गुलाबी नगर

भवन और दीवारें तो क्या ? पेड़ भी यहां गुलाबी रंग के दिवाने हैं  तभी जयपुर से ज्यादा इसको गुलाबी नगर कहकर पुकारने वाले हैं। # New colour on park wall being reflected on the nearest tree stems.

Alok Sir

यादें अमिट स्याही हैं कभी कर्म, कभी मर्म , कभी निष्ठा की तहरीर हैं मेरे दिल में तो आपकी खींची एक कलम की लकीर है।। I went  to meet the then Hon'ble CMD, Alok sir , on 16.10.2014 ,when even God was having a hard hand on me , My wife being diagnosed of Cancer and on a local minister's pressure I was transferred from AEn, 132 KV GSS, Sardarshahar to AEn,400 KV GSS, Ratangarh. Even circle officers also not supported for even a try for cancellation of a transfer. At such a difficult time I ,somehow, tried to visit CMD sir, He started hearing to aspirants at 3:00 PM and there was a long queue but he had a sharp decision making ability and within 15 minutes my turn came . I was literally trembling in fear as I have already seen applicant's aspirations being shattered one by one , but when my turn came he listened for half a minute to me, saw my documents and at the  spot said, "Done". The order came in the evening and in that evening Hon'ble Alok sir was also tra...

Relaxed life

पहलगाम हादसे से सहमा‌ है देश कहीं सहानुभूति तो कहीं है रोष निकलकर बाहर ढूंढा थोड़ा सूकून अपनी चोपाटी भी थी भीड़ से महरूम।